जगिये गोपाल लाल बंसि बन बोले - The Indic Lyrics Database

जगिये गोपाल लाल बंसि बन बोले

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - जवाहर | वर्ष - 1960

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(जागिये गोपाल लाल बँसी बन बोले)-२
(नन्हे-नन्हे पलकें खोलो चूमूँ नैन प्यारे)-२
(तोहे जगाये झूमे गाये)-२ पँछी पँख खोलें
जागिये गोपाल लाल बंसी बन बोले(तू ही मेरा चाँद तू ही अँखियों का तारा
तू हँसे तो भूल जाऊँ जीवन का दुख सारा)-२(गंगा जल से तोहे नहलाऊँ )-२
भोली भाली अँखियों मे कजरा लगाऊँ
हो वारि जाऊँ
तू ही मेरी आशा तू ही मेरा सहारा
तू रोये तो लागे मोहे जीवन अँधियारा
तू ही मेरा चाँद ...(हौले हौले पग पग चल मेरे मुन्ने )-२
तेरे संग चली जल थल (?) मेरे मुन्नेतू ही मेरा चाँद तू ही अँखियों का तारा
तू रोये तो लागे मोहे जीवन अँधियारा
तू ही मेरा चाँद ...