ढूंढ रहे हैं मेरे लिए लड़का ये सुन के वो निंद से जाग गया - The Indic Lyrics Database

ढूंढ रहे हैं मेरे लिए लड़का ये सुन के वो निंद से जाग गया

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - अलका याज्ञनिक | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - आजमाइश | वर्ष - 1995

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ढूंढ रहे हैं मेरे लिए लड़का मेरे घर वाले
अरे कितने लड़के देखे लम्बे गोरे ठिगने कालेएक लड़के ने पूछा क्या कुछ नाचना गाना आता है
मैने कहा आता है क्या तुझे तबला बजाना आता है
भई वाह क्या कहने क्या जवाब मारा है
ये सुन के वो नींद से जाग गया मैदान छोड़ के भाग गया
कुछ मत पूछो तौबा है बस इन लड़कों की मांगों से
उड़ते हैं ये पंख लगा कर चलते नहीं ये टांगों सेएक लड़के ने कहा मुझे ये मेरा घर बार सम्भालेगी
मैने कहा न मेरे बच्चे तेरी अम्मा पालेगी
ये सुन के वो नींद से ...फिर इक लड़का आया जिसका क़द मुझसे भी छोटा था
दरवाज़े के बीच फंस गया तौबा कितना मोटा था
उस मोटे ने पूछा तुझे घोड़े की सवारी आती है
मैने कहा आती है पर तू घोड़ा है कि हाथी है
ये सुन के वो नींद से ...रंगमहल में सोती थी मैं यौवन की रंगरलियों में
दूर से इक दिन इक परदेसी आया मेरी गलियों में
उस ज़ुल्मी ने इतना कहकर मेरी ज़िद को तोड़ दिया
ना कर हाँ कर तेरी मर्ज़ी तेरे लिए जग छोड़ दिया
ये सुन कर मैं नींद से जाग गई मैं साथ पिया के भाग गई