तन्हाई दिल के रस्ते में कैसी ठोकर मैंने खाई - The Indic Lyrics Database

तन्हाई दिल के रस्ते में कैसी ठोकर मैंने खाई

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - सोनू निगम | संगीत - शंकर एहसान लॉय | फ़िल्म - दिल चाहता है | वर्ष - 2001

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तन्हाई तन्हाई
दिल के रास्ते में कैसी ठोकर मैने खाई
टूटे ख्वाब सारे एक मायूसी है छाई
हर खुशी सो गई ज़िंदगी खो गई
तुम को जो प्यार किया मैने तो सज़ा में पाई
तन्हाई तन्हाई
मीलों है फैली हुई तन्हाईख्वाब में देखा था इक आँचल मैने अपने हाथों में
अब टूटे सपनों के शीशे चुभते हैं इन आँखों में
कल कोई था यहीं अब कोई भी नहीं
बन के नागिन जैसे है साँसों में लहराई
तन्हाई तन्हाई पलकों पे कितने आँसू है लाईक्यूँ ऐसी उम्मीद की मैने जो ऐसे नाकाम हुई
दूर बनाई थी मंज़िल तो रस्ते में ही शाम हुई
अब कहाँ जाऊँ मैं किस को समझाऊँ मैं
क्या मैने चाहा था और क्यूँ किस्मत में आई
तन्हाई तन्हाई
जैसे अंधेरों की हो गहराईदिल के रास्ते में ...
तन्हाई तन्हाई तन्हाई तन्हाई