मेरा प्यार भी तू है, ये बहार भी तू है - The Indic Lyrics Database

मेरा प्यार भी तू है, ये बहार भी तू है

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - सुमन कल्याणपूर - मुकेश | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - साथी | वर्ष - 1968

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मेरा प्यार भी तू है, ये बहार भी तू है
तू ही नज़रों में जान-ए-तमन्ना, तू ही नज़ारों में
तू ही तो मेरा नील गगन है, प्यार से रोशन आँख उठाए
और घटा के रूप में तू है, काँधे पे मेरे सर को झुकाए
मुझ पे लटें बिखराए
मंज़िल मेरे दिल की वही है, साया जहाँ दिलदार है तेरा
परबत परबत तेरी बाहें, गुलशन गुलशन प्यार है तेरा
महके है आँचल मेरा
जागी नज़र का ख्वाब है जैसे, देख मिलन का दिन ये सुहाना
आँख तो तेरे जलवों में गुम है, देखूँ तुझे या देखूँ जमाना
बेखुद है दीवाना