मुहब्बत की ख़ुशी दो दिन की होऽऽ ग़म ज़िन्दगी भर केऽऽ - The Indic Lyrics Database

मुहब्बत की ख़ुशी दो दिन की होऽऽ ग़म ज़िन्दगी भर केऽऽ

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - पतंग | वर्ष - 1949

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मुझको जीने का बहाना मिल गया है

मुझको जीने का बहाना मिल गया है

तुम मिले गोया ज़माना मिल गया है

मुझको जीने का बहाना मिल गया है

तुझको ऐ चितवन मुबारिक मेरा दिल

मस्त करने को निशाना मिल गया है

मुझको जीने का बहाना मिल गया है

नाज़ है तक़दीर पर अपने मुझे

तेरे कूचे में ठिकाना मिल गया है

मुझको जीने का बहाना मिल गया है

तुम मिले गोया ज़माना मिल गया है

मुझको जीने का बहाना मिल गया है