खायेगी ठोकरें ये जवानी कहाँ-कहाँ - The Indic Lyrics Database

खायेगी ठोकरें ये जवानी कहाँ-कहाँ

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - जी एम दुर्रानी | संगीत - NA | फ़िल्म - मिर्जा साहिबानी | वर्ष - 1947

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किस तरह भूलेगा दिल

किस तरह भूलेगा दिल

उनका ख़याल आया हुआ

जा नहीं सकता अभी

शीशे में दाग़ आया हुआ

ओ घटा काली घटा, अब के बरस तू ना बरस

मेरे प्रीतम को अभी परदेस है भाया हुआ

किस तरह भूलेगा दिल

आ चमन से

आ चमन से दूर बुल्बुल

जाके रोये, रोये साथ साथ

तेरा दिल भी चोट है

मेरी तरह खाया हुआ

किस तरह भूलेगा दिल

ख़ुश रहे दुनिया में वो

जिसने है तोड़ा दिल मेरा

दे रहा है ये दुआ

आँखों में अश्क आया हुआ

किस तरह भूलेगा दिल

उनका ख़याल आया हुआ