वो आ के क्वाब में तस्किन ए इज़्ताराब टू दे सैगल - The Indic Lyrics Database

वो आ के क्वाब में तस्किन ए इज़्ताराब टू दे सैगल

गीतकार - ग़ालिब | गायक - के एल सहगल | संगीत - | फ़िल्म - गैर-फिल्मी | वर्ष - 1948

View in Roman कहा जो उसने ज़रा मेरे पाँव दाब तो दे
'>

ए र
वो आ के ख़्वाब में तस्कीन-ए-इज़्तराब तो दे
वले मुझे तपिश-ए-दिल मजाल-ए-ख़्वाब तो देकरे है क़त्ल लगावट में तेरा रो देना
तेरी तरह कोई तेग़-ए-निगह को आब तो देपिला दे ओअक से साक़ी गर हमसे नफ़रत है
पियाला गर नहीं देता न दे शराब तो दे'असद' ख़ुशी से मेरे हाथ-पाँव फूल गये
कहा जो उसने ज़रा मेरे पाँव दाब तो दे