महबूबा तेरी तस्वीर किस तराह मैं बनौं - The Indic Lyrics Database

महबूबा तेरी तस्वीर किस तराह मैं बनौं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - इश्क पर ज़ोर नहीं | वर्ष - 1970

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महबूबा तेरी तस्वीर किस तरह मैं बनाऊँ -२
तेरी ज़ुल्फ़ों की दास्ताँ किस तरह मैं सुनाऊँ
महबूबा तेरी तस्वीर ...तेरे लिए कहूँ कोई बात तेरे लिए सोचूँ कोई नाम
मैं तो बस दीवाना हो गया नहीं मेरे बस का ये काम
तेरे जैसा कोई कहीं देखा ना सुना है
महबूबा ...धारे मौजें रुत और जाम नग़्में पैमाने बुत और फूल
सब तेरी राहों की ख़ाक़ सब तेरे क़दमों की धूल
तेरे जैसा कोई कहीं देखा ना सुना है
महबूबा ...नज़रों ने देखा है तुझे आता नहीं फिर भी यक़ीन
क्योंकि मेरी दुनिया के लोग होते नहीं इतने हसीन
तेरे जैसा कोई कहीं देखा ना सुना है
महबूबा ...