यार की कबार मिल गई - The Indic Lyrics Database

यार की कबार मिल गई

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - कोरस, आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - राम बलराम | वर्ष - 1980

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कि: हो हो हो हो हो -२
आ: हो हो हो हो हो -२को: हो हो हो हो हो -४कि: हे
यार की ख़बर मिल गई
को: गई
कि: प्यार की नज़र मिल गई
को: गई
कि: दूर थी बहुत मंज़िल अपनी पास ही मगर मिल गई, गई
हो हो हो हो हो -२आ: यार की ख़बर मिल गई
को: गई
आ: प्यार की नज़र मिल गई
को: गई
आ: दूर थी बहुत मंज़िल अपनी पास ही मगर मिल गई, गई
हो हो हो हो हो -२को: आऽकि: ऐसा है समाँ के हम दिल लगे थामने
जाने क्या पयाम दिया हमें इस शाम ने
हो
आ: ऐसा है समाँ के हम दिल लगे थामने
जाने क्या पयाम दिया हमें इस शाम ने
कि: बड़ा तड़पाया मेरा दिल किसी नाम ने
आया वो मक़ाम अब नज़रों के सामने
को: नज़रों के सामने
नज़रों के सामने
कि: उनकी गली भी हमें मिल जायेगी जिनकी डगर मिल गई, गई
आ: यार की ख़बर मिल गई
कि: हे प्यार की नज़र मिल गई
दो: दूर थी बहुत मंज़िल अपनी पास ही मगर मिल गई, गईको: हे हेकि: आते-जाते रस्ते में यारों से ये पूछा
आ: एक ही सवाल था हज़ारों से ये पूछा
कि: कहाँ पे वो फूल है बहारों से ये पूछा
आ: कहाँ पे वो चाँद है सितारों से ये पूछा
को: सितारों से ये पूछा
सितारों से ये पूछा
कि: रात भर हम जिसे ढूँढते रहे अब वो सहर मिल गई, गई
हो हो हो हो हो -२
आ: हो हो हो हो हो -२( रस्ता भुला न दे ख़ुशी मंज़िल की
सर पे खड़ी है जो घड़ी है मुश्किल की ) -२
कि: हमसे लड़ी हैं आँखें किसी क़ातिल की
होगी मुलाक़ात कब दिल से दिल की
को: दिल से दिल की
दिल से दिल की
दो: दिल भी कभी न कभी मिल जायेंगे आँख अगर मिल गई, गई
आ: यार की ख़बर मिल गई
कि: हे प्यार की नज़र मिल गई
दो: दूर थी बहुत मंज़िल अपनी पास ही मगर मिल गई, गई
को: हो हो हो हो हो -६