लगा के हाथों में मेहंदी किसी ने मुझको मेरे - The Indic Lyrics Database

लगा के हाथों में मेहंदी किसी ने मुझको मेरे

गीतकार - नूर लखनवी | गायक - लता मंगेशकर, तलत महमूद | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - परछाईं | वर्ष - 1952

View in Roman

त: लगा के हाथों में मेहन्दी हलाल कर दाला
बनाके मस्त मुझे हाय! वार कर दालाल:(किसी ने मुझको मेरे घर में आके लूट लिया)-२
(लूट लिया)-३
त:(किसी गरीब को घर में बुलाके लूट लिया)-२ल: कोई उम्मीद न हसरत न कुछ तमन्ना थी
अन्धेरा चाया था ? दिल की दुनिया थी
ल: (चराग सी तुम ने जलाके लूट लिया)-२
दो: (लूट लिया)-३
ल: किसी ने मुझको मेरे घर में आके लूट लियात: हवास-ओ-होश न रहते ये माज्रा होता
जो शक्ल देख ही लेते न जाने क्या होता
सदा हुज़ूर ने अपनी सुनाके लूट लिया
दो: (लूट लिया)-३
त: किसी गरीब तो घर में बुलाके लूट लियाल: ओ~ ज़माने भर से मैं कह दूँगी तुमने चोरी की
और ऐसी चोरी कि सीनाजोरी भी
कि सोने वाले को तूने जगाके लूट लिया
दो: (लूट लिया)-३
ल: (किसी ने मुझको मेरे घर में आके लूट लिया)-२