आहिस्ता आहिस्ता आहिस्ता - The Indic Lyrics Database

आहिस्ता आहिस्ता आहिस्ता

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - साधना सरगम - उदित नारायण | संगीत - ए. आर. रहमान | फ़िल्म - स्वदेस | वर्ष - 2004

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आहिस्ता आहिस्ता, आहिस्ता आहिस्ता
निंदिया तू आ, इन दो नैनों में
हलके से होले से, कुछ सपने भोले से
निंदिया तू ला, इन दो नैनों में
बहे सोयी सोयी जैसे सारी हवायें, समा भी है सोया सोया सा
निंदिया रे, निंदिया रे, तू मेरे अंगना रे, आ जा रे
इन झुकती पलकों पे छा जा रे
मुलायम मुलायम सी नीली नीली रात है
थपकती हैं इस दिल को यादें कई
यादों के पालने में कोई खोयी खोयी बात है
ओ निंदिया अब आ के तू मेरी बीती लोरी गा के
मेरे खोये सपने दिखला दे
यादों का पलना झुला दे
महकी हवा की रेशमी चादर कहो तो बिछा दूँ
नील गगन से चाँद को ले के तकिया बना दूँ
चांदनी ला के तुम को ओढ़ा के मैं गुनगुनाऊँ गीत कोई
उस पल ही चुपके से फिर निंदिया आ जाये
पलकों पे जैसे ठहर जाये
मीठी मीठी निंदिया आये