बाद मुद्दत के हम तुम मिले - The Indic Lyrics Database

बाद मुद्दत के हम तुम मिले

गीतकार - फारुख कैसर | गायक - किशोर कुमार | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - काश | वर्ष - 1987

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बाद मुद्दत के हम तुम मिले
मुड़के देखा तो है फ़ासले
चलते चलते ठोकर लगी
यादें, वादे, आवाज़ देते ना काश..

फूल बनकर जो चुभते रहें, ऐसे काँटों को क्या नाम दे
गैर होते तो हम सोचते, कैसे अपनों को इल्ज़ाम दे
शिकवा हमसे होगा नहीं, भूली बिसरी राहों में मिलते न काश..

प्यार ही प्यार था हर तरफ, कल थे लोगों की आँखों का नूर
आज कोई नहीं देखता, क्या हुआ हमसे ऐसा कुसूर
ऐसा होगा सोचा न था, धीरे धीरे हम भी बदल जाते काश..

सारी दुनिया को चमका दिया, मेरे हसते हुए चाँद ने
आज है खुद वोही दर-ब-दर, हमको आया था जो बाँधने
आँसू आए गिरने लगे, सूखे पत्ते यादों के उड़ जाते काश..