तेरी बाँहों में जो गुजरी भीगी रात सनम - The Indic Lyrics Database

तेरी बाँहों में जो गुजरी भीगी रात सनम

गीतकार - समीर | गायक - अदनान सामी | संगीत - अदनान सामी | फ़िल्म - तेरा चेहरा (गैर फिल्म) | वर्ष - 2002

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( तेरी बाँहों में -२
जो गुज़री
भीगी रात सनम -२ ) -२
याद बहुत आती है -२
हर पल वो बरसात सनम
तेरी बाँहों में -२
जो गुज़री
भीगी रात सनम -२ऊ मीठे-मीठे सपनों में तू खोई थी
मेरे सीने पे सर रख के सोई थी
इतने में बादल गरज़ा बिजली भी लहराई
ऐसे में तू डर के मेरे और पास चली आई
मैने चुन लिया -२
तेरा नाज़ुक हाथ सनम
तेरी बाँहों में हाय
तेरी बाँहों में
जो गुज़री
भीगी रात सनम -२रोका मैने तुझको मैं दीवाना था
मगर तुझे अपने घर जाना था
वो बेताबी के लम्हे वो मस्ताना आलम
सोचता हूँ आ जाए फिर कभी ऐसा मौसम
भूला नहीं मैं -२
तेरी कोई
बात सनम -२
तेरी बाँहों में हाय
तेरी बाँहों में
जो गुज़री
भीगी रात सनम -२
याद बहुत आती है -२
हर पल वो बरसात सनम
हो
तेरी बाँहों में -२
जो गुज़री
भीगी रात सनम -३