नैन द्वार से मन में वो आके तन में आग लगाए - The Indic Lyrics Database

नैन द्वार से मन में वो आके तन में आग लगाए

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - मुकेश, लता/लता | संगीत - हंसराज बहल | फ़िल्म - सावन | वर्ष - 1959

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नैन द्वार से मन में वो आके तन में आग लगाए
हाय रसिया हाय रे
कोई छलिया छल किए जाए
जियरा लिए जाए चैन नहीं आए
हाय कोई छलिया छल
नैन द्वार से मन में
नैन रसीले चाँद सा मुखड़ा सुन्दर रूप सुहाना
पर बेदर्दी दर्द न समझे जाने बस तड़पाना
फिर भी मन तड़पाने वाला मन का मीत कहाए
हाय रसिया हाय रे
जब वो आए लेकर आए दिन में चाँद सितारे
जब वो जाए लेकर जाए सब अरमान हमारे
हाय रसिया हाय रे
हाय जी इक छलिया
कौन तेरा रसिया जो दिल लिए जाए
हाय जी इक छलिया जो मन को भाए
जियरा लिए जाए
हाय री कोई छलिया