जग के काटी सारी रैना - The Indic Lyrics Database

जग के काटी सारी रैना

गीतकार - गुलजार | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - लीला | वर्ष - 2002

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जाग के काटी सारी रैना२
नैंओं में कल ओस गिरि थी२
जाग के काटी सारी रैना२(प्रेम की अग्नि बुझती नहीं है
बेहती नदिया रुकती नहीं है)२
सागर तक बेहते दो नैना२
जाग के काटी सारी रैना२(रूह के बंधन खुलते नहीं हैं
दाग हैं दिल के धुलते नहीं हैं)२
कर्वट कर्वट बांटी रैना२
जाग के काटी सारी रैना
नैंनों में कल ओस गिरी थी२
जाग के काटी सारी रैना