गीतकार - समीर | गायक - सहगान, अलका याज्ञनिक, सुनिधि चौहान | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - जानवर | वर्ष - 1999
View in Romanमाँ ओ माँ माँ ओ माँ माँ ओ माँ माँ ओ माँ
पास बुलाती है कितना रुलाती है
याद तुम्हारी जब जब मुझको आती है आती हैजिनके सर पे ममता की दुआएं हैं
किस्मत वाले वो हैं जिनकी माएं हैं
जिस्म तो होता है पर जान नहीं होती
उनसे पूछो जिनकी माँ नहीं होती
लोरी सुनाती है छुपके सुलाती है
याद तुम्हारी जब ...आजा सीने से तुझको लगा लूँ मैं
चीर के दिल को धड़कन में छुपा लूं मैं
सावन बन बनके मेरी आँखें बरसी हैं
तेरे लिए कितना ये पल पल तरसी हैं
कितना सताती हैं जानें जाती हैं
याद तुम्हारी जब ...