हाय झिलमिल झिलमिल ये शाम के साये - The Indic Lyrics Database

हाय झिलमिल झिलमिल ये शाम के साये

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - लाल बत्ती | वर्ष - 1957

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ल:
हाय झिलमिल झिलमिल ये शाम के साये
दूर कोई जैसे शहनाई बजाए
प्यार के साथी, मेरे प्यार के साथी
कोई जतन कर, अब ये शाम न जाए
को: झिलमिल हाय झिलमिल -३ल: हो ओ ओ मची सनसनी, हो ओ ओ छिड़ी रागनि
हो ओ ओ मची सनसनी
मेरे छोटे से मन में, कोई जादू सा जगाए
को: झिलमिल हाय झिलमिल -३ल:
अ अ आ कली दिल की चुन, हो ओ ओ पिया प्यारे सुन
अ अ आ कली दिल की चुन
ये तन्हाई का मौसम, कभी आए के न आए
को: झिलमिल हाय झिलमिल -३ल:
हो ओ ओ जो हम चल पड़े, हो ओ ओ दिये जल पड़े
हो ओ ओ जो हम चल पड़े
देखो डूबता सुरज, है खड़ा दीप जलाए
को: झिलमिल हाय झिलमिल -३