नौजवानो भारत की तक़दीर बना दो - The Indic Lyrics Database

नौजवानो भारत की तक़दीर बना दो

गीतकार - शकील | गायक - रफी | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - कुंदन | वर्ष - 1955

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नौजवानो
नौजवानो भारत की तक़दीर बना दो
फूलों के इस गुलशन से काँटों को हटा दो
तोड़ के सारे जाल विदेशी कर लो देश को अपना
रह जाए ना देखो अधूरा कोई सुन्दर सपना
घर में आग लगाए जो दीपक उसको बुझा दो
फूलों के इस
हम भारत के वासी क्यों हों दुनिया में शर्मिन्दा
देश के कारण मौत भी आए फिर भी रहेंगे ज़िन्दा
जय-जय हिन्द के नारों से धरती को हिला दो
फूलों के इस
अपने साथ है कैसे-कैसे बलवानों की शक्ति
श्री जवाहर लाल की हिम्मत बापू जी की भक्ति
देश का झण्डा जग में ऊँचा करके दिखा दो
फूलों के इस