दुनिया के सीतम का कोई ओ क़िस्मत तेरा हो बुरा - The Indic Lyrics Database

दुनिया के सीतम का कोई ओ क़िस्मत तेरा हो बुरा

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - सुरैया | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - शायर | वर्ष - 1949

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दुनिया के सितम का कोई शिक़वा न करेंगे
रूठी हुई क़िस्मत से मगर इतना कहेंगेओ क़िस्मत तेरा हो बुरा -२
क्यूँ दिल के
क्यूँ दिल के टुकड़े कर दिये
दिल के टुकड़े कर दिये
दिल के टुकड़े -३
कर दियेइस दिल पे जो बीती है अरे किसको सुनायें
थीं अपने लिये सारे ज़माने की जफ़ायें
बदले में भलाई के मिल्लि हमको बुराई
उजड़े हुये अरमान भी देते हैं दुहाईओ क़िस्मत तेरा हो बुरा -२
क्यूँ दिल के
क्यूँ दिल के टुकड़े कर दिये
दिल के टुकड़े कर दिये
दिल के टुकड़े -३
कर दियेथी किसको ख़बर दिल की कली खिल न सकेगी
होनी न ख़ता फिर भी सज़ा हमको मिलेगी
जब टूट गया दर्द भरे दिल का सहारा
बरबाद उम्मीदों ने यही रो के पुकाराओ क़िस्मत तेरा हो बुरा -२
क्यूँ दिल के
क्यूँ दिल के टुकड़े कर दिये
दिल के टुकड़े कर दिये
दिल के टुकड़े -३
कर दिये