बदारा की छंव तारे नन्हीं नन्हीं बुंडियां - The Indic Lyrics Database

बदारा की छंव तारे नन्हीं नन्हीं बुंडियां

गीतकार - रघुपत राय | गायक - मुकेश, सुरैया | संगीत - कृष्णा दयाल | फ़िल्म - लेख | वर्ष - 1949

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सु :बदरा की छाँव तरे नन्हीं-नन्हीं बून्दियाँ
हिल-मिल बैठें दोनों यहीं मन भाये रे
आई बहार बलमा मन नाहीं माने
तुझ बिन सइयाँ मोहे सूना जग लागे
बदरा की छाँव तरे नन्हीं-नन्हीं बून्दियाँ
हिल-मिल बैठें दोनों यहीं मन भाये रेमु : हिल-मिल बैठें दोनों कोई न पास हो
( हिल-मिल बैठें दोनों कोई न पास हो
दिन करे राम ऐसा आई बहार हो ) -२
सु : इत-उत ढूँढूँ बालम बदरा की छँव रे
जिया नहीं लागे मोरा तुम किस ठाँव रेबदरा की छाँव तरे नन्हीं-नन्हीं बून्दियाँ
हिल-मिल बैठें दोनों यहीं मन भाये रे
मु : मन में उमंग मोरे आँखों में प्यार जी
( मन में उमंग मोरे आँखों में प्यार जी
होंठों से निकले नाम तेरा हर बार जी ) -२
सु : बदरा की छाँव तरे नन्हीं-नन्हीं बून्दियाँ
हिल-मिल बैठें दोनों यहीं मन भाये रेदो : प्यार के सपने सदा सुहाने
प्यार करे वो न अपने-बेगाने
मेरी आँखों में सूरत तुम्हारी
राम करे न जाये बिसारी( बदरा की छाँव तरे नन्हीं-नन्हीं बून्दियाँ
हिल-मिल बैठें दोनों यहीं मन भाये रे ) -२