फुल तुम्हें भेजा है ख़त में, फुल नहीं मेरा दिल है - The Indic Lyrics Database

फुल तुम्हें भेजा है ख़त में, फुल नहीं मेरा दिल है

गीतकार - इन्दीवर | गायक - लता - मुकेश | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - सरस्वतीचंद्र | वर्ष - 1968

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फूल तुम्हें भेजा है ख़त में, फूल नहीं मेरा दिल है
प्रियतम मेरे मुझ को लिखना, क्या ये तुम्हारे काबिल है
प्यार छुपा है खत में इतना जितने सागर में मोती
चुम ही लेता हाथ तुम्हारा पास जो तुम मेरे होती
नींद तुम्हें तो आती होगी, क्या देखा तुम ने सपना
आँख खुली तो तनहाई थी, सपना हो ना सका अपना
तनहाई हम दूर करेंगे, ले आओ तुम शहनाई
प्रीत बढ़ाकर भूल ना जाना, प्रीत तुम्हीं ने सिखलाई
ख़त से जी भरता ही नहीं, अब नैन मिले तो चैन मिले
चाँद हमारे अंगना उतरे, कोई तो ऐसी रैन मिले
मिलना हो तो कैसे मिले हम, मिलने की सूरत लिख दो
नैन बिछाए बैठे हैं हम, कब आओगे ख़त लिख दो