सोना नहीं ना सही चांदी नहीं ना सही - The Indic Lyrics Database

सोना नहीं ना सही चांदी नहीं ना सही

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - वन टू का फोर | वर्ष - 2001

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सोना नहीं ना सही चाँदी नहीं ना सही, फ़िक़र क्या है मैं हूँ ना तेरे लिये - 3

ओ मगर जग में मेरी जाँ, कोई दिल की तमन्ना, मोहब्बत के सिवा भी है मेरे लिये, तेरे-मेरे लिये

सोना नहीं ना सही, चांदी नहीं, मगर जग में मेरी जाँ कोई दिल की तमन्ना
मोहब्बत के सिवा नहीं तेरे लिये, तेरे-तेरे लिये

प्यार मैं हूँ, प्यार तू है मान जा ओ दिलरुबा,

सारे जग में कुछ नहीं है, इक तेरे-मेरे सिवा,

मानता, हूँ सनम प्यार ही है ज़िंदगी

क्या करूँ दिल में थी, बात कोई और ही

अरे जो भी है, वो सब गलत है, मान जा ओ दिलरुबा

सारे जग में कुछ नहीं है, इक तेरे-मेरे सिवा

अरे चलो माना, बहस क्या है, मोहब्बत ही सच है यार

करोगे तुम, हाँ करोगे तुम सजन मुझसे, करूँगी मैं तुमसे प्यार

चलो सोना नहीं ना सही, चाँदी नहीं ना सही
फ़िक़र क्या है तू है ना मेरे लिये, है ना मेरे लिये

सजन सुनना जान-ए-तमन्ना, सजन सुनना जान-ए-तमन्ना, तेरे लिये

सोना नहीं ना सही चाँदी नहीं ना सही
फ़िक़र क्या है मैं हूँ ना तेरे लिये

हो तिरछी नज़रों से ना देखो आशिक़-ए-दिलगीर को

कैसे तीरंदाज़ हो सीधा तो कर लो तीर को

वो बड़ा तेज़ है जो दिवाना है मेरा

हूँ उसी की शिकार जो निशाना है मेरा

तो खोलो ज़ुल्फ़ें इनकी ख़ुश्बू से महक जाऊँ ज़रा

गोरे तन की चाँदनी में फिर चमक जाऊँ ज़रा

चलो दो पल हम इक दूजे में खो जायें इस तरह

बहुत दिन के तरसते लब, लिपट जायें जिस तरह

सजन सुनना, जान-ए-तमन्ना
सजन सुनना जान-ए-तमन्ना तेरे लिये
सोना नहीं ना सही चाँदी नहीं ना सही -२
सोना नहीं आ आ आ चाँदी नहीं आ -२