मस्त आंखें हैं की पैमाने दो - The Indic Lyrics Database

मस्त आंखें हैं की पैमाने दो

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - आशा भोंसले, तलत महमूद | संगीत - बाबुल | फ़िल्म - नकली नवाब | वर्ष - 1962

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त: मस्त आँखें हैं की पैमाने दो
हाय! आज तो मुझ को बहक जाने दो
आ: इतने छलका के न पैमाने दो
हाय! इक ज़रा होश में आ जाने दोत: होश का काम बहारों में नहीं
तुम सा इक फूल हज़ारों में नहीं
दिल की तस्क़ीन नज़ारों में नहीं
दिल के नज़दीक ज़रा आने दो
आ: इक ज़रा होश में आ जाने दो
त: आज तो मुझ को बहक जाने दोआ: खोया खोया सा ये ख़्वाबों का समाँ
हमें ले आयी है अरमान कहाँ
त: यही दुनिया तो है वो दुनिया जहाँ
एक हो जाते हैं बेगाने दो
आ: इतने छलका के न पैमाने दो
त: आज तो मुझ को बहक जाने दोआ: दिन खुशी का जो गुज़र जायेगा
क़ाफ़िला दिल का किधर जायेगा
त: वक़्त शर्मा के ठहर जायेगा
अपनी ज़ुल्फ़ें मुझे बिखराने दो
आ: आज तो मुझ को बहक जाने दो
त: मस्त आँखें हैं कि पैमाने दो