फूल गेंदवा न मारो न मारो, लगत करेजवा में चोट - The Indic Lyrics Database

फूल गेंदवा न मारो न मारो, लगत करेजवा में चोट

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मन्ना डे | संगीत - रोशन | फ़िल्म - दूज का चांद | वर्ष - 1964

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फूल गेंदवा न मारो न मारो, लगत करेजवा में चोट
दूँगी मैं दुहाई, काहे चतुर बनत, छिछोरी करत हरजाई
दहका हुआ ये अंगारा जो गेंदवा कहलाए है
अजी तनपर जहाँ गिरे पापी वही दाग़ पड जाए है
अंग अंग मोरा पीर करे और कर के कहे
रूक जाओ, रूक जाओ, रूक जाओ
ना सताओ मोहे जुल्मी बलम, ओ बलम
मान जाओ बिनती अबला की
देखो देखो अब दूँगी दुहाई
काहे चतुर बनत छिछोरी करत