सैयाँ से बिछड़ गई हो मोरे राम - The Indic Lyrics Database

सैयाँ से बिछड़ गई हो मोरे राम

गीतकार - शकील | गायक - अमीरबाई, सादात | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - चांदनी रात | वर्ष - 1949

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सप्त सुरन तीन ग्राम गावो सब गुणीजन

सप्त सुरन तीन ग्राम गावो सब गुणीजन

इक्कीस मूर्छना तानबान को मिलावो

औढ़व संकीरण स्वर सम्पूरण राग भेद

अलंकार भूशण बन

राग को सजावो

सप्त सुरन

सा सुर साधो मन, रे अपने रब को चैन

गांधार तजो गुमान

मध्यम मोक्श पावो

पंचम परमेश्वर, धैवत धरो ध्यान

नी नित दिन प्रभू चरण शीतल आवो

सप्त सुरन तीन ग्रम गावो सब गुणीजन

इक्किस मूर्छना तानबान को मिलावो

सप्त