जो हम ने दास्ताँ अपनी सुनायी, आप क्यों रोये - The Indic Lyrics Database

जो हम ने दास्ताँ अपनी सुनायी, आप क्यों रोये

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - वो कौन थी | वर्ष - 1964

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जो हम ने दास्ताँ अपनी सुनायी, आप क्यों रोये ?
तबाही तो हमारे दिल पे आयी, आप क्यों रोये ?
हमारा दर्द-ओ-गम हैं ये, इसे क्यों आप सहते हैं ?
ये क्यों आँसू हमारे, आप की आँखों से बहते हैं ?
ग़मों की आग हम ने खुद लगाई, आप क्यों रोये ?
बहोत रोये मगर अब आप की खातिर ना रोयेंगे
ना अपना चैन खोकर, आप का हम चैन खोएंगे
क़यामत आप के अश्कोने ढाई, आप क्यों रोये ?
न ये आँसू रुके तो, देखिये फिर हम भी रो देंगे
हम अपने आँसुओं में चाँद तारो को डुबो देंगे
फना हो जायेगी सारी खुदाई, आप क्यों रोये?