कहूं कासे मैं मन की बात - The Indic Lyrics Database

कहूं कासे मैं मन की बात

गीतकार - नूर लखनवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - सुबह का तारा | वर्ष - 1954

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आ~ आ~ आ~ आ~
कहूँ का से मैं
कहूँ का से मैं मन की बात जियरवा हाले डोले हो -२
तड़प सीने में दिल पे हाथ जियरवा हाले डोले होआ~ आ~ आ~ आ~खुशी भी हो रही है आँख भी शरमायी जाती है -२
कहे कैसे कोइ ये दिल की लगी नहीं बतलायी जाती है -२
नहीं बतलायी जाती है, ये नहीं बतलायी जाती है
मेरी तमन्ना है मेरे साथ जियरवा हाले डोले हो
कहूँ का से मैं
कहूँ का से मैं मन की बात ...बसती है नैनों की गलियाँ, हैं अब जीवन में रंगरलियाँ -२
झूम झूम झूम के आयी बहारें कैसे खिली हैं ये कलीयाँ -२
हैं अब जेएवन में रंगरलियाँ
दिन सुनेहरे सुहानी है रात जियरवा हाले डोले हो
कहूँ का से मैं
कहूँ का से मैं मन कि बात ...