नादान मुहब्बत वालों के अरमान बदलते रहते हैं - The Indic Lyrics Database

नादान मुहब्बत वालों के अरमान बदलते रहते हैं

गीतकार - शकील | गायक - लता | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - जादू | वर्ष - 1951

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नादान मुहब्बत वालों के अरमान बदलते रहते हैं
इस रंग बदलती दुनिया में इनसान बदलते रहते हैं
बसती है ख़ुशी जिस दिल में
वहीं ग़म का भी बसेरा होता है
घर एक ही रहता है लेकिन
महमान बदलते रहते हैं
इस रंग बदलती दुनिया में
इनसान बदलते रहते हैं
हँस हँस के गुज़ारे दिन हम ने
रो कर भि गुज़र ही जायेंगे
जीना है वही पर जीने के
सामान बदलते रहते हैं
इस रंग बदलती दुनिया में
इनसान बदलते रहते हैं