फिर तुम्हारी याद आई ऐ सनम - The Indic Lyrics Database

फिर तुम्हारी याद आई ऐ सनम

गीतकार - Nil | गायक - Nil | संगीत - सज्जाद हुसैन | फ़िल्म - रुस्तम सोहराब | वर्ष - 1963

View in Roman

फिर तुम्हारी याद आई ऐ सनम, ऐ सनम
हम ना भूलेंगे तुम्हें अल्लाह कसम
हाल-ए-दिल यार को लिखूं कैसे
हाथ दिल से जुदा नहीं होता
किस तरह उनको बताएं अपना ग़म, ऐ सनम
तुम मेरे दिल में मेरी आँखों में हो
तुम मेरे ख़्वाबों मेरी आहों में हो
दूर रहकर भी जुदा होंगे ना हम, ऐ सनम
जबसे देखी सूरत उनकी
हम शमा जलाना भूल गए
रुख़सार की सुर्खी क्या कहिए
फूलों का फ़साना भूल गए
बस इतनी कहानी है अपनी
जब आँख मिली बेहोश हुए
दामन से हवा तुम कर ना सके
हम होश में आना भूल गए
कितने प्यारे हैं मोहब्बत के सितम
क्या लुत्फ़ आ रहा था
दिलबर की दिल्लगी से
नज़रें भी थी मुझी पर पर्दा भी था मुझी से
क्या हसीं तस्वीर थी अल्लाह कसम, ऐ सनम