चोरी चोरी वो करती हुन मैं तो प्यार सिर्फ रविवार को - The Indic Lyrics Database

चोरी चोरी वो करती हुन मैं तो प्यार सिर्फ रविवार को

गीतकार - समीर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - अंश | वर्ष - 2002

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चोरी चोरी वो मेरे पास आया
खिड़की के नीचे से मुझको बुलाया
कहने लगा चल मेरे साथ रानी
मैने कोई उसकी बात न मानी
फिर उसने पूछा हफ़्ते का क्या program
हैं मिलके बितायेंगे कब एक शाम
तो मैने कहाहूँ करती हूँ मैं तो प्यार सिर्फ़ sundayको
तुम करना मेरा इंतज़ार सिर्फ़ sundayकोmondayको मुझे बड़ा काम है
इक पल भी ना आराम है
मंगल बुध को मैं क्या कहूँ
मुश्किल बड़ी गुलफ़ाम है
जुम्मेरात जुम्मा फिर बाज़ार जाऊँ
शनिवार को घर मैं देर से आऊँ
देर से आऊँ बाबा देर से आऊँ क्यूँकि
करती हूँ मैं इकरार सिर्फ़ sundayको
तुम करना मेरा ...ऐसे यहाँ रोज़ मिलने में तो मुझको मज़ा नहीं आए
हो जाए ना बदनामी कहीं मेरा तो जी घबराये
माना के तू बेख्याल है
तेरा दीवानों सा हाल है
तेरे मेरे दर्मियां
रहने दें कुछ दिन की दूरियां
ये बेबसी मेरी जान ले क्यूँकि
करती हूँ मैं दीदार सिर्फ़ sundayको
तुम करना मेरा ...लोगों की आँखों से सोलह बरस मैने स.म्भाली जवानी
कर दूंगी उसके हवाले जो होगा मेरा दिलजानी
लाएगा डोला बारात वो
ले जाएगा मुझको साथ वो
मानूंगी ना तेरी बात मैं
हाथों में दूंगी ना हाथ मैं
जा रे जा कहा मेरा मान ले क्यूँकि
करती हूँ आँखें चार हाँ सिर्फ़ sundayको
तुम करना मेरा ...