सब्ज़े की दुर्फ़िशानी फूलों का शामियाना - The Indic Lyrics Database

सब्ज़े की दुर्फ़िशानी फूलों का शामियाना

गीतकार - मुंशी फारोगो | गायक - लता | संगीत - रामकृष्ण शिंदे | फ़िल्म - बिहारी | वर्ष - 1948

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सपनों में आने वाले

सपनों में आने वाले

गलियों में आ जा एक बार

गलियों में आ जा

आ जा

गलियों में आ जा

चिलमन से छुपकेछुपके

चोरी से चुप के चुप के

करती हूँ तेरा इन्तज़ार

करती हूँ तेरा

तेरा

करती हूँ तेरा इन्तज़ार

सपनों में आने वाले

गलियों में आ जा एक बार

गलियों में आ जा

आ जा

गलियों में आ जा

ख़्वाबों में देखा तुझको

हँसतेहँसाते हुये

नाज़ुक से दिल पे मेरे

बिजली गिराते हुये

आजाआजा बेरहम

तुझको मेरी है क़सम

आजा आजा बेरहम

तुझको मेरी है क़सम

देखे बिन आये ना क़रार

देखे बिन आये

आये

देखे बिन आये ना क़रार

सपनों में आने वाले

गलियों में आ जा एक बार

गलियों में आ जा

आ जा

गलियों में आ जा