फिर तेरी याद नए दीप जलाने आई - The Indic Lyrics Database

फिर तेरी याद नए दीप जलाने आई

गीतकार - नक्श लायलपुरी | गायक - भूपेंद्र | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

View in Roman

फिर तेरी याद नए दीप जलाने आई
मेरी दुनिया से अंधेरों को मिटाने आई
न कोई दर्द न अब दर्द का एहसास रहा
यूँ लूटा हूँ के कुछ भी ना मेरे पास रहा
मेरी बर्बादी पे ये अश्क़ बहाने आई
इन बुझी आँखों के हर ख़्वाब की ताबीर जली
जल उठा मैं जो मेरे प्यार की तहरीर जली
मेरे दामन में लगी आग बुझाने आई
सोग में डूबी हुई लगती है खामोश फ़ज़ा
इतना तनफा मैं किसी शाम किसी रात न था
मेरी तनहाई को सीने से लगाने आई