खाई है रे हमाने कसम संग रहने की - The Indic Lyrics Database

खाई है रे हमाने कसम संग रहने की

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - तलाश | वर्ष - 1969

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( खाई है रे हमने क़सम संग रहने की
आयेगा रे उड़ के मेरा हंस परदेसी ) -२
खाई है रे हमने क़सम( पहला मिलन मोसे नहीं रे सजन का
रहेगा सदा मिलना धरती गगन का ) -२
युग से वो है मेरा
युग से वो है मेरा मैं उसकी रेखाई है रे हमने क़सम संग रहने की
आयेगा रे उड़ के मेरा हंस परदेसी
खाई है रे हमने क़सम( ऐसे तो नहीं उसके रंग में ढली मैं
पिया अंग लग लग के भई साँवली मैं ) -२
मेरे तन पे छाँव है
मेरे तन पे छाँव है उसी की रेखाई है रे हमने क़सम संग रहने की
आयेगा रे उड़ के मेरा हंस परदेसी
हंस परदेसी
मेरा हंस परदेसी