कभी नीम नीम लज्जा से मारे रे ये जिया - The Indic Lyrics Database

कभी नीम नीम लज्जा से मारे रे ये जिया

गीतकार - महबूब | गायक - ए आर रहमान, मधुश्री | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - युवा | वर्ष - 2004

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हुम हुमा, हुमा हुम हुमा, हुमा हुम हुमा, हुमा हुम -२
हुम हुम हुम हुम हुम हुमा, हुमा हुम हुमा, हुमा हुम( कभी नीम-नीम, कभी शहद-शहद
कभी नरम-नरम, कभी सख्त-सख्त ) -२
मोरा पिया, मोरा पिया, मोरा पिया , हो
( नज़रों के तीर में बसा है प्यार
जब भी चला है वो दिल के पार ) -२
लज्जा से मरे रे ये जिया, पिया
लज्जा से मरे रे ये जिया, पिया रे
लज्जा से मरे रे ये जियाशोंधा की ये लाली मुख चमकाये
सोंधी-सोंधी ख़ुश्बू मन बहकाये
ज़ुल्फ़ों की रैना फिर क्यूँ न छाये
हो चाँद-सितारे, देखेंगे सारे
चाँद-सितारे, देखेंगे सारे
लज्जा से मरे रे ये जिया, पिया
लज्जा से मरे रे ये जिया( कभी नीम-नीम, कभी शहद-शहद
कभी नरम-नरम, कभी सख्त-सख्त ) -२
मोरा पिया, मोरा पिया, मोरा पिया, होबोईरागी मन तेरा, है साहेब जी
मेरे सीने में है क़ैद वो अब जी
प्रीत की रखो लाज, ऐ मेरे रब जी
हो रुसवा हुयी तो, दुनिया हँसी तो
रुसवा हुयी तो, दुनिया हँसी तो
लज्जा से मरे रे ये जिया, पिया
लज्जा से मरे रे ये जियाकभी नीम-नीम, कभी शहद-शहद
कभी नरम-नरम, कभी सख्त-सख्त
मोरा पिया, मोरा पिया, मोरा पिया( नज़रों के तीर में बसा है प्यार
जब भी चला है वो दिल के पार ) -२
लज्जा से मरे रे ये जिया, पिया
लज्जा से मरे रे ये जिया, पिया रे
लज्जा से मरे रे ये जियाहुम हुमा, हुमा हुम हुमा, हुमा हुम हुमा, हुमा हुम हुमा
हुम हुमा, हुमा हुम हुमा, हुमा हुम हुमा
हुमा हुम हुम हुम हुम हुम