गुड़िया हमसे रुठि रहौगी कब ताकी - The Indic Lyrics Database

गुड़िया हमसे रुठि रहौगी कब ताकी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - दोस्ती | वर्ष - 1964

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( गुड़िया
हमसे रूठी रहोगी
कब तक न हँसोगी
देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई
देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई ) -२
गुड़िया( झुकी-झुकी पलकों में आ के
देखो गुपचुप आँखों से झाँके
तुम्हारी हँसी
गुपचुप आँखों से झाँके ) -२
फिर भी
अँखियाँ बन्द करोगीकब तक न हँसोगी
( देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई ) -२
गुड़िया( अभी-अभी आँखों से छलके
अभी कुछ-कुछ होंठों पे झलके
तुम्हारी हँसी
कुछ-कुछ होंठों पे झलके ) -२
फिर भी
मुख पे हाथ धरोगीकब तक न हँसोगी
( देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई ) -२
गुड़िया
हमसे रूठी रहोगी
कब तक न हँसोगी
( देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई ) -२