फिर सावन रुत की पवन चली तुम याद आए - The Indic Lyrics Database

फिर सावन रुत की पवन चली तुम याद आए

गीतकार - नासिर काज़मी | गायक - आशा भोसले - ग़ुलाम अली | संगीत - गुलाम अली | फ़िल्म - मिराज ए ग़ज़ल | वर्ष - Nil

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फिर सावन रुत की पवन चली तुम याद आए
फिर पत्तों की पाज़ेब बजी तुम याद आए
फिर कूँजें बोलीं घास के हरे समन्दर में
रुत आई पीले फूलों की तुम याद आए
फिर कागा बोला घर के सूने आँगन में
फिर अमृत रस की बूँद पड़ी तुम याद आए
पहले तो मैं चीख़ के रोया और फिर हँसने लगा
बादल गरजा बिजली चमकी तुम याद आए
फिर कागा बोला घर के सुने आंगन में
फिर अमृत रक की बूँद पड़ी तुम याद आए
दिन भर तो मैं दुनिया ले धन्धों में खोया रहा
जब दीवारों से धूप ढली तुम याद आए