ऐ दर्द-ए-जिगर - The Indic Lyrics Database

ऐ दर्द-ए-जिगर

गीतकार - नूर लखनवी | गायक - लता | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - परछाईं | वर्ष - 1952

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ऐ दर्द-ए-जिगर
मेरे दर्द-ए-जिगर

(रात क्यों कर कटी ये तुझे क्या खबर
ऐ दर्द-ए-जिगर मेरे दर्द-ए-जिगर)-2

मैं तो जागी ही थी दुनिया सोती रही
सोती रही
एक शबनम की थी साथ, रोती रही
रोती रही
देख फूलों की है पत्तियाँ तर-ब-तर
ऐ दर्द-ए-जिगर ...

जज़्ब-ए-दिल है तो खुद ही चले आयेंगे
चले आयेंगे
ये मुसीबत के दिन भी गुज़र जायेंगे
गुज़र जायेंगे
हम तो बैठे रहेंगे यूँ ही उम्र भर
ऐ दर्द-ए-जिगर ...$