धीरे धीरे मचल ऐ दिल-ए-बेकरार, कोई आता है - The Indic Lyrics Database

धीरे धीरे मचल ऐ दिल-ए-बेकरार, कोई आता है

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - अनुपमा | वर्ष - 1966

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धीरे धीरे मचल ऐ दिल-ए-बेकरार, कोई आता है
यूँ तड़प के ना तड़पा मुझे बार बार, कोई आता है
उसके दामन की खुशबू हवाओं में है
उसके क़दमों की आहट फ़ज़ाओं में है
मुझको करने दे, करने दे सोलह सिंगार
मुझको छूने लगी उसकी परछाईयाँ
दिल के नज़दीक बजती हैं शहनाईयाँ
मेरे सपनों के आँगन में गाता है प्यार
रूठ के पहले जी भर सताऊँगी मैं
जब मनायेंगे वो, मान जाऊँगी मैं
दिल पे रहता है ऐसे में कब इख़्तियार