व: कैसे रैन कटी, मोरी आली - The Indic Lyrics Database

व: कैसे रैन कटी, मोरी आली

गीतकार - कन्हैया लाल चतुर्वेदी | गायक - वहीदा बाई, ज्योति | संगीत - अशोक घोष | फ़िल्म - संस्कार / छोटी बहू | वर्ष - 1940

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ख़बर क्या थी कि ग़म खाना पड़ेगा

ख़बर क्या थी कि ग़म खाना पड़ेगा

मुहब्बत करके पछताना पड़ेगा

श : वफ़ाओं पर सितम ढाना पड़ेगा

हमें उनसे बिछड़ जाना पड़ेगा

र : न देखा जायेगा ख़ूनएतमन्ना

तेरी महफ़िल से अब जाना पड़ेगा

ख़बर क्या थी कि ग़म खाना पड़ेगा

मुहब्बत करके पछताना पड़ेगा

श : न था मालूम आयेंगे ये दिन भी

कभी रोना कभी गाना पड़ेगा

वफ़ाओं पर सितम ढाना पड़ेगा

हमें उनसे बिछड़ जाना पड़ेगा

र : भुला दे हाँ भुला दे याद उनकी

येही अब दिल को समझाना पड़ेगा

ख़बर क्या थी कि ग़म खाना पड़ेगा

मुहब्बत करके पछताना पड़ेगा

श : न निकलेंगे अगर अरमान दिल के

यूँ ही घुटघुट के मर जाना पड़ेगा

वफ़ाओं पर सितम ढाना पड़ेगा

हमें उनसे बिछड़ जाना पड़ेगा