हर ख़ुशी हो वहाँ तू जहाँ भी रहे - The Indic Lyrics Database

हर ख़ुशी हो वहाँ तू जहाँ भी रहे

गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - उपकार | वर्ष - 1967

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हर ख़ुशी हो वहाँ तू जहाँ भी रहे
ज़िन्दगी हो वहाँ तू जहाँ भी रहे
ये अँधेरे मुझे इसलिए हैं पसंद
इन में साया भी अपना दिखाई ना दे
रोशनी हो वहाँ तू जहाँ भी रहे
चाँद धुंधला सही ग़म नहीं है मुझे
तेरी रातों पे रातों का साया न हो
चाँदनी हो वहाँ तू जहाँ भी रहे