मैं टू दिल्ली से दुलाहन लाया रे ऐ बाबू जी - The Indic Lyrics Database

मैं टू दिल्ली से दुलाहन लाया रे ऐ बाबू जी

गीतकार - प्रदीप | गायक - अरुण कुमार, रहमत बानो | संगीत - सरस्वती देवी | फ़िल्म - झूला | वर्ष - 1941

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अ : ( मैं तो दिल्ली से दुलहन लाया रे
ऐ बाबू जी ) -२
र : ( मेरा बम्बई से बालम आया रे
ऐ बाबू जी ) -२
अ : मैं तो दिल्ली से दुलहन लाया रे
ऐ बाबू जीअ : ( बीवी मेरी नाज़ुक
र : सजन अलबेला ) -२
दो : नये ज़माने के मजनू-ओ-लैला -२
( सोने में सुहागा मिलाया रे
ऐ बाबू जी ) -२र : बाबू जी मैं हूँ सौदागर की छोरी -२
होय सैंया ने कर ली मेरे धन की चोरी
अ : हें चोरी कैसी चोरी
र : इनने गुपचुप
( इनने गुपचुप मेरा दिल चुराया रे
ऐ बाबू जी ) -२
र : मेरा बम्बई से बालम आया रे
ऐ बाबू जीअ : बाबू जी इतनी अरज सुनो मोरी -२
अरे मैने कल ही तो दिल्ली में
( इसके बाप का करजा चुकाया रे
ऐ बाबू जी ) -२र : मेरे बाप का नाम न लेना
झूठों के सरदार
वरना ताना दूँगी
गाली बीस हज़ार
देखो-देखो जी
देखो-देखो जी हज़ार
हमको छेड़ो ना बेकार
( वरना मेरा भी गुस्सा सवाया रे
ऐ बाबू जी ) -२अ : ( प्यारी गुइयाँ आओ आओ
सारी बातें भुल जाओ ) -२
र : बोलो मेरी क़सम
अ : हाँ हाँ
र : हाँ हाँ हाँ
बोलों मेरी क़सम
अ : हाँ हाँ
तेरी क़सम
तेरे भाई की क़सम
तेरी अम्मा की क़सम
तेरे बाप की क़सम
दो : ( आज मौसम सलोना आया रे
ऐ बाबू जी ) -२