ऐ बाद-ए-सबा आहिस्ता चल - The Indic Lyrics Database

ऐ बाद-ए-सबा आहिस्ता चल

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - हेमंत | संगीत - हेमंत कुमार, सी रामचंद्र? | फ़िल्म - अनारकली | वर्ष - 1953

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ऐ बाद-ए-सबा आहिस्ता चल
यहाँ सोयी है अनारकलि
आँखों मे जलवे सलीम के लिये
खोयी हुई है अनारकलि

है शहीद-ए-इश्क़ का मख़बरा
ज़रा चल अदब से यहाँ हवा
तुझे याद हो के न याद हो
मुझे याद है उस का माझरा

अभी याद है मुझे वो घड़ी
जब किसी की उस पे नज़र पड़ी
यहाँ हुस्न था वहाँ ताज था
यहाँ इश्क़ था वहाँ राज था

ये कहा सलीम ने प्यार से
हँस हँस के अपनी अनार से
तू कहे तो तारों को तोड़ लूँ
तू कहे तो ताज भी छोड़ दूँ

ज़रा देख ले क्या हवा चली
न रहा सलीम न वो कलि
यह मज़ार निशानी है प्यार की
किसी द.र्द भरी इख़रार की
किस भँवरे की इंतेज़ार मे
यहाँ सोयी है कलि अनार की$