सिने पे मेरे बरक़ गिरा कर चले गे - The Indic Lyrics Database

सिने पे मेरे बरक़ गिरा कर चले गे

गीतकार - एम एल खन्ना | गायक - सुरैया | संगीत - कृष्णा दयाल | फ़िल्म - लेख | वर्ष - 1949

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सीने पे मेरे बर्क़ गिरा कर चले गये -२
मासूम दिल में आग लगा कर
मासूम दिल में आग लगा कर चले गये
चले गये
सीने पे मेरे बर्क़ गिरा कर चले गये
सीने पे मेरेवाये नसीब आये भी तो ग़ैर की तरह -२
मैं जल रही थी और जला कर
मैं जल रही थी और जला कर चले गयेसीने पे मेरे बर्क़ गिरा कर चले गये
सीने पे मेरे( आने का था मज़ा के वो जाते न फिर कभी
जाते न फिर कभी ) -२
किस काम के वो आये जो आ कर चले गयेसीने पे मेरे बर्क़ गिरा कर चले गये
सीने पे मेरे