आवारा नहीं तु है जुआरी - The Indic Lyrics Database

आवारा नहीं तु है जुआरी

गीतकार - विनय दवे | गायक - साधना सरगम, सहगान, विनोद राठौड | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - गेम्बलर | वर्ष - 1995

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आवारा नहीं सौदागर नहीं दीवाना अरे नहीं
अनाड़ी खिलाड़ी जादूगर बाज़ीगर नहीं नहीं
ना तू खिलाड़ी न तू बाज़ीगर ना तू अनाड़ी न तू जादूगर
जाने तुझे देख कर क्यों लगता है डर
gamblergamblerतू है gamblerदिल को चुरा के अपना बना के धोखा तू देगा है मुझे खबर
gamblergambler...न मैं खिलाड़ी न मैं बाज़ीगर न मैं अनाड़ी न मैं जादूगर
जान-ए-मन ओ जान-ए-जां कुछ भरोसा कर
gamblergamblerहाँ मैं gamblerदिल को चुरा के अपना बना के धोखा न दूंगा ओ बेखबर
gamblergambler...बातों ही बातों में तुम पर कर लूं मैं कैसे भरोसा
जिसने किया है भरोसा होता है उसको ही धोखा
मैं ऐसा इंसां नहीं हूँ चाहे मुझे आज़मां ले
आशिक़ वही जो मोहब्बत में हो जान अपनी लुटा दे
नज़रों में मेरे दिल की जुबां है देखूं तो पहचान कर
gamblergambler...फिर तो मुबारक हो तुमको अब ये मुलाकात मेरी
ले कर करवटें गुज़रेगी न रात मेरी
यादों को दिल लगाकर करना पड़ेगा गुज़ारा
यादों में मानेगा कैसे दिल तेरी चाहत का मारा
आँखों के रस्ते तस्वीर मेरी ले जाना तुम खींचकर
gamblergambler...