मार मार कर जिना छोड़ दीया - The Indic Lyrics Database

मार मार कर जिना छोड़ दीया

गीतकार - फरहत शहजादी | गायक - गुलाम अली | संगीत - रफीक हुसैन | फ़िल्म - दिल्लगी (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1993

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मर मर कर जीना छोड़ दिया
लो हमने पीना छोड़ दियाख़ाबों के ख़याली धागों से
ज़ख़्मों को सीना छोड़ दियाढलते ही शाम सुलू होना
हमने वो करीना छोड़ दियातूफ़ान हमें वो रास आया
के हमने सफ़ीना छोड़ दियामय क्या छोड़ी के लगता है
जीते जी जीना छोड़ दिया'शहज़ाद' ने ख़ाबों में जीना
ऐ शोख़ हसीना छोड़ दिया