आंधियां गम की यूं चलीं - The Indic Lyrics Database

आंधियां गम की यूं चलीं

गीतकार - | गायक - नूरजहां | संगीत - हाफिज खान | फ़िल्म - जीनत | वर्ष - 1945

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आँधियाँ ग़म की यूँ चलीं
( आँधियाँ ग़म की यूँ चलीं
बाग़ उजड़ के रह गया ) -२
( समझे थे आसरा जिसे
वो भी बिछड़ के रह गया ) -२
आँधियाँ ग़म की यूँ चलीं
बाग़ उजड़ के रह गया( पूछो ना माजरा-ए-ग़म
उजड़े हैं इस तरह से हम ) -२
घर का चराग़ क्या बुझा -२
घर ही उजड़ के रह गयाआँधियाँ ग़म की यूँ चलीं
बाग़ उजड़ के रह गया( मुझ पर भी आई थी बहार
थोड़ी सी देर को मगर ) -२
हँसते ही आँसू आ गये -२
रंग बिगड़ के रह गयाआँधियाँ ग़म की यूँ चलीं
बाग़ उजड़ के रह गया
आँधियाँ ग़म की यूँ चलीं