ओ निइल परबटन की धारा - The Indic Lyrics Database

ओ निइल परबटन की धारा

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा भोंसले, महेंद्र कपूर | संगीत - रवि | फ़िल्म - आदमी और इंसान | वर्ष - 1969

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ओ नीले पर्बतों की धारा
आयी ढूँढने किनारा बड़ी दूर से
सब को सहारा चाहिये
कोई हमारा चाहियेफूल में जैसे फूल की खुशबू
दिल में है यूँ तेरा बसेरा
धरती से अम्बर तक फैला
चाहत की बाहों का घेरा
ओ नीले पर्बतों की धारा ...सूरज पीछे घूमे धरती
साँझ के पीछे घूमे सवेरा
जिस नाते ने इन को बाँधे
वो नाता है तेरा मेरा
ओ नीले पर्बतों की धारा ...