आसमाँ वाले तेरी दुनिया से जी घबरा गया - The Indic Lyrics Database

आसमाँ वाले तेरी दुनिया से जी घबरा गया

गीतकार - शकील | गायक - तलत, लता | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - लैला मजनू | वर्ष - 1953

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आसमाँ वाले तेरी दुनिया से जी घबरा गया
चार दिन की चाँदनी मेन ग़म का बादल छा गया
आसमाँ वाले तेरी दुनिया से जी घबरा गया

तलत: आसमाँ वाले तेरी दुनिया से जी घबरा गया
जल गया दिल सोज़-ए-ग़म से, जब कोई याद आ गया
आसमाँ वाले तेरी दुनिया से जी घबरा गया

लत: आग में फूलों की दुनिया ने मेरा तन रख दिया
एक मुरदे को सजाकर नाम दुलहन रख दिया
बोल मालिक ये तमाशा तुझसे क्युन देखा गया
आसमाँ वाले तेरी दुनिया से जी घबरा गया

तलत: किस क़दर नाशाद हूँ बरबाद हूँ वीरान हूँ
रहम कर मुझ पर ख़ुदाया
रहम कर मुझ पर ख़ुदाया, मैं भी एक इनसान हूँ
मौत ही दे दे के अब, शिकवा ज़ुबां पर आ गया
आसमाँ वाले तेरी दुनिया से जी घबरा गया
लत: चार दिन की चाँदनी में ग़म का बादल चा गया
आसमाँ वाले तेरी दुनिया से जी घबरा गया$