किस्मत के लिखे को मिता ना साके - The Indic Lyrics Database

किस्मत के लिखे को मिता ना साके

गीतकार - | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सुरैया | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - दुनिया | वर्ष - 1949

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र : ( क़िस्मत के लिखे को मिटा न सके
हम उनको अपना बना न सके ) -२
वो आ न सके हम जा न सके
और ज़ख़्म-ए-जिगर भी दिखा न सके
जो राज छुपा है सीने में
उसको भी हाय सुना न सकेक़िस्मत के लिखे को मिटा न सके
हम उनको अपना बना न सकेसु : ( हम क़ैद में थे मजबूर हुये
नज़दीक भी रह कर दूर हुये ) -२
दिल के शीशे चूर हुये
ये बात किसी को बता न सकेर : ( जब दर्द जिगर में होता है
सु : ए
दिल चुपके-चुपके रोता है ) -२
र : आँसू तो बहे पानी बन कर
सु : पर दिल की आग बुझा न सकेर : ( जो वार हुये भरपूर हुये
सु : जो दाग़ पड़े नासूर हुये ) -२
हम भूलने पर मजबूर हुये -२
र : हम याद तुम्हारी भुला न सकेक़िस्मत के लिखे को मिटा न सके
हम उनको अपना बना न सके