मेरे कायालों की रहगुजर से - The Indic Lyrics Database

मेरे कायालों की रहगुजर से

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - अनवर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - ये इश्क नहीं आसान: | वर्ष - 1983

View in Roman ये बात मैं कैसे भूल जाऊँ कि हम कभी हमसफ़र रहे हैं
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मेरे ख़यालों की रहगुज़र से वो देखिए वो गुज़र रहे हैं
मेरी निगाहों के आसमाँ से ज़मीन-ए-दिल पर उतर रहे हैंये कैसे मुमकिन है हमनशीनो कि दिल को दिल की ख़बर न पहुंचे
उन्हें भी हम याद आते होंगे कि जिन को हम याद कर रहे हैंतुम्हारे ही दम क़दम से थी जिन की मौत और ज़िंदगी अबारत
बिछड़ के तुम से वो नामुराद अब न जी रहे हैं न मर रहे हैंइसी मोहब्बत की रोज़-ओ-शब हम सुनाया करते थे दास्तानें
इसी मोहब्बत का नाम लेते हुए भी हम आज डर रहे हैंचले हैं थोड़े ही दूर तक बस वो साथ मेरे 'सलीम' फिर भी
ये बात मैं कैसे भूल जाऊँ कि हम कभी हमसफ़र रहे हैं